फिरोजाबाद। ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। बुधवार को पैराडोर होटल में हुई इस कार्यशाला में जनपद के सभी ग्राम पंचायत सचिवों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने उन्हें गांवों के समग्र विकास के लिए नई तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराया।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना ग्रामीण विकास की रीढ़ है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और आधारभूत संरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समन्वित विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। डीएम ने कहा कि यदि योजनाओं को सही ढंग से लागू किया जाए, तो गांव आत्मनिर्भर और आदर्श बन सकते हैं। डीएम ने पंचायत सचिवों को गांव की जरूरतों को समझते हुए योजनाओं को धरातल पर उतारने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी याद दिलाई।
उन्होंने कहा कि जीपीडीपी के माध्यम से विकास की रोशनी हर परिवार तक पहुंचनी चाहिए। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने तकनीक और डिजिटल साधनों के प्रयोग से योजनाओं की निगरानी को आसान बनाने पर जोर दिया। ई-गवर्नेंस, डिजिटल रिकॉर्ड, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। सीडीओ शत्रोहन वैश्य ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार वार्षिक विकास योजना तैयार करनी होगी।
योजनाओं में प्राथमिक विद्यालयों के सुधार, स्वास्थ्य उपकेंद्रों की मजबूती, पेयजल व्यवस्था, सड़क निर्माण और वृक्षारोपण जैसे कार्यों को शामिल करने का सुझाव दिया। अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे मोहनलाल गुप्ता ने पर्यावरणीय संरक्षण और स्वच्छता को योजनाओं का मुख्य आधार बनाने पर बल दिया। उन्होंने नदियों, तालाबों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन को समय की सबसे बड़ी मांग बताया। प्रशिक्षण के दौरान हेल्थ कैंप, पोषण एवं टीकाकरण, डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लास, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, पक्की सड़कों, लाइट व पेयजल योजनाओं तथा रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण जैसे प्रमुख विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
प्रशिक्षण का उद्देश्य था कि हर पंचायत सचिव अपनी ग्राम पंचायत की वास्तविक जरूरतों को पहचानकर योजनाओं को सही ढंग से प्रस्तावित कर सके। अंत में अधिकारियों ने संदेश दिया कि “जीपीडीपी केवल कागज की योजना न बनकर, गांव के जीवन को बदलने की प्रक्रिया बने।” इस अवसर पर बीडीओ प्रभात रंजन, जिला स्तरीय अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और सभी पंचायत सचिव उपस्थित रहे।