फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही स्कूल पेयरिंग नीति के विरोध में शिक्षकों ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने नगर विधायक मनीष असीजा के आवास पर पहुंचकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सरकार की इस नीति को अव्यवहारिक, शिक्षा विरोधी और जनविरोधी करार देते हुए तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की गई।
जिलाध्यक्ष शौर्यदेवमणि यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों और 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बंद किया जा रहा है। इससे हजारों विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन कर दिया गया है और अनेक प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है।
महानगर अध्यक्ष कल्पना राजौरिया ने कहा कि इसके पूर्व एक ही परिसर में स्थित लगभग 20,000 विद्यालयों का संविलियन करके प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिए गए थे और अब इस नई पेयरिंग प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों को दूरस्थ विद्यालयों में भेजा जा रहा है। जिससे शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, हजारों रसोइयों की सेवाएं समाप्त होने की आशंका भी जताई गई है।
शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि सरकार को नई शिक्षक भर्ती ना करनी पड़े, इसलिए स्कूलों को बंद कराने के लिए अधिकारी प्रधानाध्यापकों, ग्राम प्रधानों और विद्यालय प्रबंधन समितियों पर दबाव बना रहे हैं कि वे विद्यालय बंद करने के पक्ष में प्रस्ताव पारित करें। इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध और शिक्षा के अधिकार कानून की भावना के खिलाफ बताया गया। आंदोलन की चरणबद्ध श्रृंखला में छह तारीख को ट्विटर पर सभी शिक्षक मिलकर पेयरिंग का विरोध करते हुए ट्वीट करेंगे और आठ जुलाई को बीएसए कार्यालय पर जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में महामंत्री रंजीत यादव, कुलदीप उपाध्याय, आलोक चैहान, धीरेंद्र यादव, अमित कुमार, ललित शर्मा, सहबा हाशिम, मोहित चतुर्वेदी, हरिओम यादव, अनिल कुमार पांडेय, अवधेश कौशिक, नीलेश यादव, आलोक बाथम आदि मौजूद रहे।