शिकोहाबाद: टायर से तेल निकालने वाली फैक्ट्री के वॉयलर में शार्ट सर्किट से लगी आग

-आग पर फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत पर पाया काबू

शिकोहाबाद। थाना क्षेत्र अंतगर्त उरमुरा किरार के समीप खेतों में एक फटे-पुराने टायरों को जला कर उनसे तेल निकालने का कारोबार होता है। इसमें कई जनपदों से पुराने टायर लाकर यहां जला कर उनसे तेल निकाला जाता है। गुरुवार सुबह अचानक वॉयलर में अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई, जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। वॉयलर के सामने टायर के छोटे-छोटे पीस का बना पहाड़ में भी आग लग गई, जिस पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को कई घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया गया। आग की जानकारी होते ही आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

वृंदावन के बासु अग्रवाल और नवीन अग्रवाल ने उरमुरा किरार क्षेत्र में एसएमबीडी नाम से पुराने टायरों को गला कर उनसे तेल निकालने की फैक्ट्री लगाई है। यहां प्रतिदिन कई टन पुराना टायर गलाया जाता है। जिससे निकलने वाले धुएं से आसपास के लोग भी हैरान और परेशान हैं। टायर से निकलने वाले धुएं एवं कार्बनडाई आक्साइड से कई बीघा जमीन भी बंजर हो गई है।

गुरुवार को सुबह लगभग 11 बजे के करीब फैक्ट्री में टायर गलाया जा रहा था, तभी अचानक वॉयलर में आग लग गई। जिससे वॉयलर से निकली आग की चिंगारी ने उसके सामने लगभग 30 मीटर दूरी पर रखा टायर के छोटे टुकड़ों के पहाड़ में आग लग गई। इससे आग और धुआं का गुबार आसमान में बादलों की शक्ल में छा गया।

आग की जानकारी होते ही फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज सहित अन्य जगहों की जार फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आईं। फायर ब्रिगेड को पानी की आपूर्ति फैक्ट्री में ही लगे सबरमसेबिल से दी गई। इसके बाद भी कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। 

आग की जानकारी होने पर सीओ प्रवीन कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार और फायर ब्रिगेड के सीएफओ सतेंद्र कुमार पांडे, शिकोहाबाद प्रभारी सहित अन्य फोर्स भी मौके पर पहुंच गया। आग से फैक्ट्री में रखा पुराना टायर बड़ी संख्या में जलकर राख हो गया।

-वॉयलर फटता तो मच जाती तवाही

फैक्ट्री में लगा वॉयलर अगर फट जाता तो पूरे क्षेत्र में भयंकर तवाही मच जाती। गनीमत रही कि वॉयलर फटा नहीं और उसमें से आग की लपटें निकलती रहीं। जब तक वॉयलर में तेल पूरा नहीं जल गया, तब तक उसकी आग शांत नहीं हुई। जबकि टायर के टुकड़ों में लगी आग को फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद काबू कर लिया, लेकिन वॉयलर की आग तभी ठंडी पड़ी जब उसमें भरा तेल पूरा जल गया।

स्थानीय लोगों और फैक्ट्री के कर्मचारियों का कहना है कि अगर वॉयलर फटता तो लगभग तीन किलो मीटर की एरिया में तबाही मच जाती। वॉयलर फटने के बारे में सीओ प्रवीन कुमार भी वहां के कर्मचारियों से जानकारी लेते रहे। जब कर्मचारियों ने बताया कि फटता तो पहले ही फट जाता, लेकिन अब नहीं फटेगा।

इसके बाबजूद सुरक्षा की दृष्टि से वहां मौजूद लोगों को पुलिस फोर्स ने हटवा दिया। जिससे किसी की कोई जनहानि ना हो सकी। इस फेक्ट्री के विरोध में किसानों ने अपनी आवाज भी उठाई थी, लेकिन दबंग और रसूदखोर फैक्ट्री मालिकों की बजह से उन्हें चुप बैठना पड़ा। जबकि आसपास के सैकड़ों बीघा खेत में फसलें नहीं होती हैं।