फिरोजाबाद। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशानुसार शनिवार को विकास खण्ड जसराना के प्राथमिक विद्यालय अकबरपुर कुतकपुर पर बाल वाटिका नोडल एसआरजी जया शर्मा द्वारा अनुश्रवण कर आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका एवं प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीरज यादव के सहयोग से ग्राम में भ्रमण कर ग्रामवासियों को वाल वाटिका के सकारात्मक पहलुओं एवं बच्चों की उत्तरोत्तर वृद्धि में बाल वाटिका के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र की अवस्थापना सुविधाओं एवं शैक्षिक परिवेश में हुए सकारात्मक विकास पर भी प्रकाश डाला। बाल वाटिका के जरिए बच्चों को मिल रहे खेल-खेल में सीखने के मौके एवं सुचारू और व्यवस्थित संचालन के बारे में भी बताया गया। ग्राम वासियों को उन्होंने बताया कि आज भी हमारे समाज का एक बड़ा हिस्सा है, जहाँ छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने की उम्र से पहले ही बुनियादी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
यही वह समय होता है, जब बच्चे सबसे तेजी से सीखते और अपना व्यक्तित्व गढ़ते हैं। लेकिन यदि इस उम्र में सही मार्गदर्शन, परवरिश और शिक्षा नहीं मिले तो आगे जाकर सीखने की क्षमता कमजोर हो सकती हैं। बाल वाटिका एक तरह का प्री स्कूल इनवायरमेंट है, जहाँ 3 से 6 साल तक की उम्र के बच्चों को खेल-खेल में सीखने का अवसर मिलता है। यहाँ बच्चे गिनती सीखते हैं, रंगों और आकारों को पहचानते हैं। चित्रकला, गीत, कहानी और खिलौनों के माध्यम से अपनी सोच और कल्पना शक्ति को विकसित करते हैं।
सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका से जोड़कर यह सुनिश्चित किया है कि गाँव, कस्बों और छोटे-छोटे मोहल्लों में भी हर बच्चे तक शिक्षा की शुरुआत पहुँच सके। आंगनबाड़ी दीदी, यानी हमारी कार्यकर्ता, बच्चों को प्यार और देखभाल वाला माहौल देती हैं। साथ ही पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच और शिक्षा तीनों चीजें एक ही जगह उपलब्ध होती हैं। आंगनबाड़ी में पौष्टिक भोजन मिलने से बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते हैं।
बच्चों का आत्मविश्वास और सामाजिक व्यवहार विकसित होता है। बाल वाटिका न सिर्फ शिक्षा की पहली सीढ़ी है, बल्कि हर बच्चे के सपनों की नींव है। इस अवसर पर मुकेश राजपूत जिला महामंत्री यूटा, निर्देश सिंह, विद्यालय स्टाफ व अभिभावक एवं ग्रामवासी मौजूद रहे।