फिरोजाबाद: कांच उद्योग को बढ़ाएगा ग्लास म्यूजियम और ऑडिटोरियम

-कार्य में धीमी प्रगति पर डीएम ने जताई नाराजगी, बाबा नीम करोरी धाम पर होंगे विकास कार्य

फिरोजाबाद: कांच उद्योग को बढ़ाएगा ग्लास म्यूजियम और ऑडिटोरियम

फिरोजाबाद। सुहाग नगरी की पहचान कांच के उत्पादों से है। यहां का कांच देश विदेश तक जाता है। फिरोजाबाद की पहचान के रूप में जाने जाने वाले कांच के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए फिरोजाबाद में गिलास म्यूजियम और ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसका डीएम रमेश रंजन और सीडीओ शत्रोहन वैश्य द्वारा निरीक्षण किया गया।

डीएम ने ग्लास म्यूजियम और ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, जबकि नीम करोरी बाबा धाम परिसर में बन रहे बहुउद्देशीय हॉल को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ने 47.47 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे ग्लास म्यूजियम और ऑडिटोरियम परियोजना का जायजा लिया। इस परियोजना में 450 व्यक्तियों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम हॉल, 150 व्यक्तियों की क्षमता वाला बहुउद्देशीय हॉल, एक प्रदर्शनी कक्ष, कार्यशाला क्षेत्र, वॉच टावर और ओपन एयर थिएटर शामिल हैं।

इसका मुख्य उद्देश्य कांच उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना तथा जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देना है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की धीमी गति पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने ठेकेदार को सख्त चेतावनी दी कि यदि कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ तो उसे कार्य से हटा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने काम में तेजी लाने के लिए स्थानीय मजदूरों की संख्या बढ़ाने और और बाहरी मजदूरों पर निर्भरता कम करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक कक्ष का निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन किया।

इसके बाद, जिलाधिकारी ने नीम करोरी बाबा धाम परिसर में निर्माणाधीन बहुउद्देशीय हॉल और गैलरी का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि इस 865.65 लाख रुपये की परियोजना को जनवरी 2026 तक पूरा किया जाना है, जिसका लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। डीएम ने निर्देश दिए कि बाबा नीम करोरी की 125 वीं जयंती 28 नवंबर को मनाई जानी है, इसलिए इस भवन को जयंती से पहले पूरा करने का प्रयास किया जाए, ताकि कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित हो सके।