फिरोजाबाद। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में शिक्षकों का सम्मान समारोह विकास भवन के सभागार में किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने शिक्षक दिवस पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर दीप प्रचलित व पुष्प अर्पित कर किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. सलिल वर्मा ने कहा के शिक्षक एक शिल्पकार के रूप में होता है और बिना प्रेरणा के किसी भी ऊंचाई तक पहुंचना संभव है। विशिष्ट अतिथि संतोष कुमार असिस्टेंट ने कहा कि शिक्षक स्वयं कभी भी बुलंदियों पर नहीं पहुंचते, लेकिन बुलंदियों पर पहुंचने वाले को शिक्षक ही निर्मित करते हैं।
कार्यक्रम संयोजक प्रेमप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि शिक्षक के बिना सभ्य समाज की कल्पना भी संभव नहीं है और शिक्षक दिवस महज औपचारिकता का दिवस ना हो कर समाज के सच्चे पद प्रदर्शन, राष्ट्र निर्माता व ज्ञान और संस्कार के दाता के सम्मान का प्रतीक दिवस है। जया शर्मा, डॉ सनम सेठ, डॉ. प्रांजलि कुशवाह प्रज्ञा, भारती शर्मा ने संयुक्त रूप से ने कहा वर्तमान परिवेश में छात्रों की शिक्षकों के प्रति उदासीनता और कुछ शिक्षकों के द्वारा शिक्षा का व्यवसाय कारण चिंता व गहन चिंतन का विषय बताया।योगेंद्र सिंह, बृजनंदन, श्रीराम, उमेश यादव, उपेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि व्यक्ति का होना इत्तेफाक या ईश्वरी अनुकंपा हो सकता है, किंतु व्यक्ति का उच्च व्यक्तित्व शिक्षक की साधना का परिणाम है।
कार्यक्रम में बी.एन.सिंह, राजू कुशवाह, उदयभान, उदय पाल सिंह, चंद्रकांत, नरेश बाबू, शिवराम सिंह यादव, राम अवतार सिंह, अवधेश कुमार, अरविंद यादव, पंकज भारद्वाज, गीतांजलि सिंह, अवनीश कुमारी, मुकेश राजपूत, सुनील कुमार, सतीश चंद्र, रामनरेश, रेखा, भारती शर्मा, कुमकुम गुप्ता, संगीता तोमर, अनुराधा, मोना, सीमा सोलंकी, सियाराम, पारुल सिंह राणा, डॉक्टर वीणा कुमारी, ब्रजकिशोर बघेल, अमर सिंह, आनंद बाबू, साहित्य प्रकाश, नीरज कुमार, राजेश कुमार, अश्वनी कुमार आदि का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रेम स्वरूप पारस एवं अध्यक्षता अशोक अनुरागी ने की।