फिरोजाबाद: भक्ति ही मानव जीवन को सही दिशा, आत्मिक शांति प्रदान करती है-सत्यानंद महाराज

-गोवधर्न महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहे भजनों पर झूमे भक्तगण

फिरोजाबाद: भक्ति ही मानव जीवन को सही दिशा, आत्मिक शांति प्रदान करती है-सत्यानंद महाराज

फिरोजाबाद। श्रीमद्भागवत कथा एवं विराट संत सम्मेलन में सोहम पीठाधीश्वर ने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर का निरंतर स्मरण ही सच्ची भक्ति है, यही मानव जीवन को सही दिशा व आत्मिक शांति प्रदान करता है।

रामलीला मैदाल में अखिल भारतीय सोहम महामण्डल के 46 वें भव्य आयोजन में स्वामी सत्यानंद महाराज ने भक्त प्रहलाद की भक्ति को अनन्य और आदर्श बताया। भक्ति केवल कर्मकांड नहीं बल्कि मन, वाणी और आचरण की पूर्ण शुद्धता से जुड़ी निष्काम साधना है, जिसमें ईश्वर का निरंतर स्मरण ही सच्ची भक्ति है और यही मानव जीवन को सही दिशा व आत्मिक शांति प्रदान करता है। स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि जीवन में कितनी ही कठिनाइयां और कष्ट क्यों न आएं, यदि भक्ति अडिग और निष्काम हो तो प्रभु स्वयं अपने भक्त की रक्षा करते हैं। प्रहलाद की भक्ति ने ही उन्हें हर संकट से सुरक्षित रखा। सदर विधायक मनीष असीजा ने स्वामी सत्यानंद महाराज सहित उपस्थित संत महापुरुषों का आशीर्वाद लिया और आयोजन की आध्यात्मिक गरिमा की सराहना की।

सम्मेलन में स्वामी शुकदेवानंद महाराज, स्वामी रामशरण दास महाराज, स्वामी प्रीतमदास महाराज, स्वामी निगमानन्द, स्वामी नारायणानंद, स्वामी शिवानन्द, स्वामी सच्चिदानन्द, स्वामी सदानन्द एवं स्वामी सुबोध स्वरूप ने भक्ति को जीवन का आधार बताते हुए भक्ति, सेवा और सदाचार का संदेश दिया।  श्रीमद्भागवत कथा में पं. रामगोपाल शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन करते हुए गोवर्धन लीला की झांकी सजाई गई। गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहे भजनों पर भक्तगण झूमते दिखाई दिए। कथा में ओमप्रकाश शर्मा, हरीबाबू बंसल, मुकेश बंसला, प्रवीन कुमार अग्रवाल, वीरो बाबू, अजय ताऊ, विनोद अग्रवाल, डा. विनय अग्रवाल, डा. विनोद अग्रवाल, बालकिशन बल्लो, जितेंद्र मित्तल ईकरी, अभिनव गुप्ता, राजेंद्र गर्ग, प्रदीप मित्तल, उमाकांत पचौरी, द्विजेंद्र मोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।