फिरोजाबाद। नगर में चल रही हनुमंती शैली में श्रीराम कथा में भरत मिलाप की लीला का वर्णन सुनकर भक्तगण भावविभोर हो गये। श्रीराम ने चरण पादुका देकर भरत को अयोध्या के लिए रवाना किया। भरत का प्रेम और त्याग संयुक्त परिवार सुखी परिवार का एक उदाहरण है।
पालीवाल हॉल में चल रही श्रीराम कथा में महाकाल पीठाधीश्वर प्रणवपुरी महाराज ने कहा कि भरत ने अपने भाई राम के लिए अपने राज्य, सुख और वैभव को छोड़ दिया और उन्हें वन से वापस लाने के लिए चल पड़े। भरत का प्रेम और त्याग हमें सिखाता है कि परिवार के लिए हमें अपने स्वार्थ को छोड़ देना चाहिए और एक दूसरे के लिए जीना चाहिए। हमें भी भरत की तरह अपने परिवार के लिए प्रेम और त्याग की भावना को अपनाना चाहिए।
महाराज श्री ने श्रद्धालुओं को भगवान राम की भक्ति और प्रेम की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर देवेंद्र शास्त्री, हनुमान प्रसाद गर्ग, कमलेश गर्ग, राजेश दुबे, देवब्रत पांडे, धीरेन्द्र भारद्वाज, भास्कर शर्मा, विकास गोयल, प्रवीन अग्रवाल, ब्रजेश यादव आदि मौजूद रहे।

