फिरोजाबाद। नगर में चल रही श्रीराम कथा में कथा व्यास ने धनुष यज्ञ, राम जानकी विवाह का वर्णन सुनाकर भक्तजनों को भाव विभोर कर दिया। कथा के दौरान भजनों पर भक्त कर झूमते दिखाई दिए। पालीवॉल हॉल में चल रही श्रीराम कथा में महाकाल पीठाधीश्वर प्रणवपुरी महाराज ने हनुमंती शैली में श्रीराम कथा का वाचन करते हुए सीता स्वयं की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जनकपुरी में राजा जनक द्वारा अपनी पुत्री सीता के विवाह के स्वयंवर रखा गया। जिसमें कई राज्यों के राजाओं ने शिव धनुष का उठाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी धनुष हिला तक नहीं सका। गुरू के साथ पहुंचे मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम, लक्ष्मण ने स्वयंवर में भाग लिया। गुरू की आज्ञा पाकर श्रीराम ने शिव धनुष को नमन कर जैसे ही उठाया धनुष दो दुकड़े हो गये। धनुष टूटते ही श्रीराम के जयकारें गूजने लगे। जानकी ने श्रीराम के गले में जयमाला पहना दी। इस अवसर पर हनुमान प्रसाद गर्ग, कमलेश गर्ग, देवेंद्र शास्त्री, देवव्रत पांडे, विनोद पचौरी, विकास गोयल, ब्रजेश यादव, राजेश दुबे, राजवर्धन सिंह, धीरेंद्र भारद्वाज, विनयकांत, ब्रजेश कटारा, ओमकारनाथ ब्रिज, प्रवीन अग्रवाल, राजेंद्र बौहरे, अनिल उपाध्याय, साधना उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

