फ़िरोज़ाबाद: शांतिनाथ के विधान से सुख, शांति, समृद्धि की होती है प्राप्ति-जैन मुनि

फ़िरोज़ाबाद: शांतिनाथ के विधान से सुख, शांति, समृद्धि की होती है प्राप्ति-जैन मुनि

फ़िरोज़ाबाद। सोल्वे तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथ का विधि विधान के साथ विश्व शांति के लिए विधान का आयोजन किया गया। जिसमे सेंकड़ों जिनभक्तों ने धर्म लाभ लिया। श्रीजी के समक्ष 120 अर्घ्य चढ़ाएं गए।

पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन जिनालय जैन नगर खेड़ा में मुनि अमित सागर ससंघ के सानिध्य में इंद्र स्वरुप जिनभक्तों ने सर्व प्रथम भगवान शान्तिनाथ की प्रतिमा को मंत्रोच्चारण के साथ पाण्डुक शिला पर विराजमान कराया तथा प्रासुक जल के द्वारा प्रतिमा का जिनभिषेक किया। तत्पश्चात् शास्त्री कैलाश चंद्र जैन के मंत्रोंच्चारण के साथ बृहद शांतिधारा की। शांतिधारा के प्रक्षाल को जिनभक्तों ने निरोगी काया के लिए अपने नेत्र और माथे पर लगाया। उसके बाद महिला पुरुष जनभक्तों द्वारा देव शास्त्र गुरु एवं चौबीस तीर्थंकर की पूजा की गईं।  तत्पश्चात श्रीजी के सम्मुख बने विशाल विधान मण्डल पर शान्तिनाथ विधान की स्थापना करते हुए विधान मंडल पर चार वलय मे क्रमशः आठ, सोलह, बत्तीस और चोंसठ अर्थात कुल 120 अर्घ्य चढ़ाएं गए और अंत मे जयमाला के सम्पूर्ण अर्घ्य के साथ विधान का समापन हुआ।

विधान मे धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि अमित सागर ने कहा कि इस विधान मे चढ़ाएं गए 120 अर्ध्य भगवान शांतिनाथ के विभिन्न गुणों को दर्शाते हैं। इनमें अष्ट प्रतिहार्य (अशोक वृक्ष, सिंहासन, भामंडल, तीन छत्र, चमर, सुयरपुष्पवृष्टि, दुन्दुभि, दिव्यध्वन) पंच परमेष्ठी, 32 इंद्र, 64 रिद्धि आदि शामिल है। इस विधान का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति और कल्याण की कामना करना है। जिससे श्रद्धालुओं को सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। विधान में वीरेंद्र जैन, राजेश जैन, मुकेश जैन, नीरू जैन, अक्षत जैन, श्रेयांशी जैन, हर्षित जैन, प्रदीप जैन, प्रवीण जैन, विपिन जैन, ब्रजेश जैन, भानुकुमार जैन, सुनील जैन, विवेक जैन, सचिन जैन, अमित जैन, मनीष जैन, शशांक जैन, प्रमोद जैन, रविन्द्र जैन उपस्थित रहे।