फिरोजाबाद। भारतीय ज्ञान परम्परा व मातृभाषा हिंदी विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन सीएल जैन महाविद्यालय में किया गया। इस दौरान अतिथियों ने महाविद्यालय की वार्षिक पंत्रिका ज्ञानांजलि का विमोचन किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके बाद महाविद्यालय परिवार द्वारा अतिथियों तिलक लगाकर एवं दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रसिद्व उपन्यासकार व लेखक प्रो. विकास शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा पुरानी पुस्तके अथवा विस्मृत परम्परांए कदापि नहीं है।
यह वह परम्परा है, जो हमे बताती है कि हमारे पूर्वज कैसे जीवन जीते थे और दिन प्रतिदिन की समस्याओ का निस्तारण करते थे। पंचतंत्र रामायण, रामचरित मानस व महाभारत भारतीय ज्ञान परम्परा के संवाहर है। उनके समस्त अग्रेंजी उपन्यासों में भारतीय संस्कृति, सभ्यता, संवेदता व मूल्यो का वर्णन करते है।
भाजपा जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने एनईपी 2020 के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाएं मातृभाषा व भारतीय परम्पराओं के संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। संगोष्ठी में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्योको, छात्रों व शेधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये।
प्रो. रशिम जैन, डाॅ संध्या द्विवेदी, डाॅ माध्वी सिंह, एस.आर.के महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पीके सिरोठिया, दाऊदयाल महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ रेनू वर्मा, प्रो. प्रियदर्शिनी उपाध्याय, प्रो. जीसी यादव, डाॅ सर्वेश यादव, डाॅ अरूण यादव आदि ने मातृभाष ंिहंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। संचालन दीपक कुमार ने किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ वैभव जैन सभी आंगुतक अतिथियो का आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रबंध समिति के अध्यक्ष महावीर जैन, सचिव प्रवीन भटनागर के अलावा शिक्षक-शिक्षिकाऐं एवं छात्र-छात्राऐं मौजूद रहे।