फिरोजाबाद। नारी जागरण सेवा संस्थान द्वारा भारतीय राष्ट्रवाद, अखंडता और सांस्कृतिक एकता के प्रखर प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125 वीं जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय समारोह आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने मुखर्जी के जीवन, व्यक्तित्व और राष्ट्र के प्रति उनकी अनन्य निष्ठा पर अपने विचार रखें।
संत जनू बाबा ग्लोबल अकादमी में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. राम कैलाश यादव, सदस्य राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भारत सरकार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय राष्ट्रवाद के अमर स्तंभ थे। डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर मुद्दे पर ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का जो ऐतिहासिक संकल्प लिया, वह उनके अदम्य साहस, त्याग और राष्ट्रनिष्ठा का सर्वाेच्च उदाहरण है।
अध्यक्ष के.के. शर्मा ने कहा कि यह समारोह केवल एक स्मरण कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण हेतु प्रेरणा का माध्यम है। धर्मेंद्र यादव, महेश चंद्र शर्मा, उमेश यादव, प्रिंसिपल दिलीप कुमार पांडे तथा ग्राम प्रधान ऋषभदेव उपाध्याय ने भी डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रभक्ति, शिक्षा, संस्कृति, संप्रभुता और त्याग पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम संयोजक राजेश राज ने बताया कि तीन दिवसीय समारोह के माध्यम से उनके जीवन, विचारों और संघर्ष की गाथा को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
प्रदर्शनी में डॉ. मुखर्जी के जीवन की दुर्लभ तस्वीरें, उनके भाषणों के अंश, स्वतंत्र भारत के निर्माण में उनके योगदान तथा कश्मीर समस्या पर उनके ऐतिहासिक रुख को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। छात्रों की वाद-विवाद, भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं ने कार्यक्रम में बौद्धिक ऊर्जा का संचार किया, वहीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशभक्ति का वातावरण और अधिक प्रखर बनाया।

