फिरोजाबाद। महात्मा गाँधी बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में दूसरे दिन वक्ताओ ने ब्रजक्षेत्र की लोक संस्कृति पर अपने शोध प्रस्तुत किये।
हिंदुस्तानी अकादमी उ.प्र. प्रयागराज और हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित संगोष्ठी में प्रो सुनीता रानी घोष ने लोक संस्कृति की परिभाषा, शोध और संस्कृति का सामाजिक प्रभाव के बारे में बताया। प्रो रंजना कुलश्रेष्ठ ने ब्रजक्षेत्र की लोक परंपराओं पर अत्यंत उत्साह के साथ गीतमाला की श्रृंखला के साथ प्रस्तुत किया। विलुप्त हो रही परंपराओं, संस्कृति, संस्कारों पर प्रकाश डाला। डॉ विष्णुकांत ने ब्रजभाषा की संस्कृति अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए वातावरण में ज्ञान व आनंद का माहौल संचारित किया।
शोधार्थी प्रतीक्षा ने लोक साहित्य के इतिहास में मीरा का सामाजिक संघर्ष, कृष्ण कुमार कनक ने सोम ठाकुर के गीतों में सामाजिक संवेदना विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किये। आगरा कॉलेज की प्रो शिति कंठ दुबे ने ब्रजक्षेत्र की सामाजिक चेतना को विधिक संदर्भ में व्याख्यायित किया। डॉ गोपाल शरण शर्मा वृंदावन ने ब्रजक्षेत्र और अध्यात्म विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ गुंजन ने ब्रजक्षेत्र के अदिकालीन साहित्यकार और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।सत्र की अध्यक्षता कर रहे डॉ नृत्य गोपाल ने ब्रज भाषा किस तरह से संपूर्ण भारतवर्ष के संस्कृति का संरक्षण कर रही है, इसका वर्णन करते हुए मार्गदर्शन किया। अतिथियों का आभार प्रकट प्राचार्या प्रो प्रियदर्शिनी उपाध्याय ने किया।
संगोष्ठी में सचिव सतीश चंद्र गुप्ता, मण्डल सचिव एड अनूप चंद्र जैन, उपसचिव मंजनी गुप्ता, डॉ संध्या द्विवेदी, डॉ प्रिया सिंह, डॉ एबी चौबे, डॉ निष्ठा, डॉ भावना, डॉ ज़ेबा फारुकी, डॉ ऋचा, मोनिका, डॉ प्रीती सिंह, अमित जैन, मोहन, ईशा चरण, सोनी, सचिन, योगेश आदि मौजूद रहे।

