फिरोजाबाद। पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित करने के लिए निजी चिकित्सकों अस्पतालों के संचालकों से आगे आकर सहयोग करने का आह्वान किया गया। कार्यशाला में सीएमओं ने चिकित्सक अपने क्लीनिक, अस्पतालों में ओआरएस कॉर्नर जरुर बनाने पर जोर दिया। डायरिया के इलाज में ओआरएस की सबसे बड़ी भूमिका हैं।
सीएमओं डा. रामबदन राम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया और कैनव्यू के सहयोग से पब्लिक प्राइवेट इंटरफेस बैठक हुई। जिले में स्टॉप डायरिया अभियान में पीएसआई इंडिया और कैनव्यू के सहयोग से डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें फ्रंट लाइन वर्कर आशा, ए एन एम और महिला आरोग्य समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा हैं। जिससे वह लोगों को जागरूक बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो सके।
अस्पतालों में ओ आर एस व जिंक कार्नर बनाने के साथ ही दीवार लेखन किया जा रहा है। इंडियन एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक आई ए पी के अध्यक्ष डॉ. दीपक अग्रवाल ने निजी चिकित्सकों और अस्पताल संचालकों से कहा कि वह कार्यक्रम में सहयोग कर डायरिया केश की रिपोर्टिंग में सहयोग करे। डॉ विवेक अग्रवाल ने कहा कि समुदाय स्तर पर ओ आर एस के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। बैठक में डा. हंस राज सिंह, डॉ फारुक, डॉ एलके गुप्ता, मोहम्मद आलम, रवि कुमार, प्रबल प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार, विभीषण कुमार, राजेश कुमार प्रजापति, कैफुल हसन मौजूद रहे।