फिरोजाबाद: मित्रता, प्रेम, त्याग, समानता का प्रतीक है, ब्रज क्षेत्र की संस्कृति-उमापति दीक्षित

-दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में शोध किये प्रस्तुत

फिरोजाबाद: मित्रता, प्रेम, त्याग, समानता का प्रतीक है, ब्रज क्षेत्र की संस्कृति-उमापति दीक्षित

फिरोजाबाद। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी महात्मा गांधी बालिका महाविद्यालय में हुई। जिसमें वक्ताओं ने ब्रजक्षेत्र का सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक पुनरावलोकन परम्परा से आधुनिकता तक की यात्रा विषय पर अपने शोध प्रस्तुत किये। 

हिन्दुस्तानी एकेडेमी उ.प्र., प्रयागराज और हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी शुभारम्भ अतिथियों ने मॉ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जलन कर किया गया। बीज वक्ता के रूप में केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा प्रो. उमापति दीक्षित ने कहा कि ऐसे विषयों पर गूढ परिचर्चा आवश्यक है। मित्रता, प्रेम, त्याग, समानता का प्रतीक है, ब्रज क्षेत्र की संस्कृति। ब्रज जो कि भारतीय संस्कृति का जीवन्त है। बृज केवल इतिहास का नहीं बल्कि, पुनर्निमाण पुन परिभाषा का क्षेत्र है। आधुनिकता के साथ परम्परा का सहअस्तित्व ब्रज की. पहचान है।

मंडल सचिव एड. अनूपचंद्र जैन ने कहा कि कृष्ण की भक्ति के वात्सल्य में जो डूबे वह संस्कृति है, ब्रजक्षेत्र की जो भौतिकता नहीं बल्कि आध्यात्मिकता में रची बसी है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सदर विधायक ने महाविद्यालय को ऐसी संगोष्ठियों के आयोजन के लिए शुभकामना प्रदान की। साथ ही ऐसे बौद्धिक आयोजनों को प्रोत्साहित करने हेतु अपना सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। डॉ प्रतिमा सिंह ने ब्रजक्षेत्र के मध्यकालीन कवि एवं उनका योगदान विषय पर चर्चा की।

डॉ विजेन्द्र प्रताप सिंह ने ब्रजक्षेत्र एवं ब्रज संस्कृति पर प्रकाश डाला। अनिल उपाध्याय ने आधुनिक एआई की भाषा और मूल भाषा के परस्पर समन्वय पर चर्चा की। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. प्रियदर्शिनी उपाध्याय ने सभी आभार प्रकट किया। संगोष्ठी का संयोजन हिंदी विभाग प्रभारी डॉ संध्या द्विवेदी एवं सह संयोजन समाज़ शास्त्र विभाग प्रभारी डॉ प्रिया सिंह द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ श्याम सनेही लाल शर्मा व संचालन डॉ निष्ठा शर्मा ने किया। संगोष्ठी में कोषाध्यक्ष अनुपम कुमार गुप्ता, उपसचिव मंजरी गुप्ता आदि मौजूद रहे।