फिरोजाबाद: प्रेम के सहारे ही परमात्मा को पा सकते है-कथा व्यास

प्रसाद-बुद्धि का भोजन और गोपियों जैसा प्रेम—आचार्य केशवम अवस्थी ने श्रीमद्भागवत कथा में दिया आध्यात्मिक संदेश

फिरोजाबाद। नगला रूंध में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में अंतरास्ट्रीय कथा व्यास एवं समाज सुधारक आचार्य केशवम अवस्थी ने कहा कि कि भोजन को हमेशा प्रसाद बुद्धि से खाना चाहिए। जब हम उसे प्रसाद समझ कर खाएंगे, तो वह हमारे बुद्धि में सद विचारों का निर्माण करेगा।

महाराज श्री ने महारास की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान् श्रीकृष्ण से गोपियों ने अनूठा अद्भुत एवं अकलपनिय प्रेम किया। जिस तरह से गोपियों ने भगवान से प्रेम किया, ठीक उसी प्रकार से हमें भी परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। हम भगवान् को प्रेम से ही पा सकते है। प्रेम के सहारे हम उस परमात्मा के पास पहुंच सकते है।

कंश ने भी मरने से पहले भगवान के दर्शन किए, इसलिए उसकी भी मुक्ति हो गई। गुरु हमारे अंदर व्याप्त, अंधकार को हटाकर ज्ञान रुपी ज्योति जलाकर हमें परमात्मा की प्राप्ति करा देते है। भारत में गुरुमुखी ज्ञान को वरीयता दी जाती है। भगवान् ने सब कुछ जानते हुए भी गुरु से ही ज्ञान लिया। उद्धव गोपी संवाद का वर्णन सुनकर श्रोतागण भावविभोर हो गए।