फिरोजाबाद। दशलक्षण पर्व के आठवें दिन जैन मंदिरों में उत्तम त्याग धर्म की पूजा अर्चना की गई। जैन मंदिरों में श्रीजी के जयकारे गूंजते रहे।
नगर के जैन मंदिरों में गुरूवार को प्रातः काल से ही पुरुष एवं छोटे छोटे बच्चों ने पीत वस्त्र धारण कर स्वर्ण मुकुट पहन कर पूर्ण इंद्र स्वरुप में मन्त्रोंच्चारण के साथ श्री जी का जिनाभिषेक किया। शांतिधारा की जिसको कतार में खड़े जिन भक्त एक टक निहार रहे थे। शांतधारा के पश्चात् सभी जिनभक्तों श्री जी के प्रक्षाल को अपने नेत्रों और ललाट पर लगाकर स्वयं को धन्य किया। तत्पश्चात् दशलक्षण धर्म पर पूजा अर्चना की तथा उत्तम त्याग धर्म की स्थापना करते हुए अध्र्य समर्पित किये।
जैन मुनि अमित सागर ने कहा कि अध्यात्मिक दृष्टि से राग, द्वेष, क्रोध, मान आदि विकारों का आत्मा से छुट जाना ही त्याग है। सांगानेर से पधारे शास्त्री हेमंत जैन ने उत्तम धर्म त्याग की चर्चा करते हुए जिनभक्तों से त्याग धर्म का पालन करना चाहिए।
चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन मंदिर, शान्तिनाथ दिगम्बर मंदिर विभव नगर, पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जैन नगर खेड़ा, बाहुबली दिगम्बर जैन नई बस्ती, शीतल नाथ रत्नत्रय दिगम्बर जैन नसिया आदि जिनालयों में विद्वानों ने दोपहर की धर्म सभा में विद्वानों प्रवचन देते हुए कहा कि आत्मशुद्धि के उद्देश्य से विकार भाव छोड़ना तथा स्व-पर उपकार की दृष्टि से धन आदि का दान करना त्याग धर्म है।
रात्रि में जिनालयों में सामूहिक महा आरती, प्रश्न मंच, तम्बोला, धार्मिक नृत्य प्रतियोगिता, एवं धार्मिक ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई। मीडिया प्रभारी संजय जैन, आदीश जैन ने बताया कि शुक्रवार को उत्तम अकिंचन धर्म की पूजा अर्चना की जाएगी।