फिरोजाबाद। पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म की पूजा अर्चना की गई। विद्वानों द्वारा उत्तम धर्म का व्याख्यान किया गया। नगर के 40 जैन मंदिरों में जिन बंधुओं ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की। मंदिरों में भगवान श्रीजी के जयकारों की गुज रहे।
नगर के छदामी लाल जैन मंदिर, मुनिसुव्रत नाथ सुहागनगर, पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन गाँधी नगर, नेमिनाथ चैकी गेट, शान्तिनाथ ओमनगर, शीतलनाथ रसूलपुर आदि सभी मंदिरों में दूसरे दिन उत्तम धर्म की पूजा आराधना हुई। जिनभक्तों ने पूर्ण भक्ति विधान के साथ सर्व प्रथम श्रीजी का जिनाभिषेक एवं शांतिधारा की। तत्पश्चात् श्री जी के सम्मुख लोंग के साथ उत्तम मार्दव धर्म की स्थापना की तथा अर्घ्य समर्पित किये।
दोपहर की सभा में विद्वानों द्वारा तत्वार्थ सूत्र का हिंदी में बहुत ही खूबसूरत वर्णन करते हुए बताया कि तत्वार्थ सूत्र जैन दर्शन का एक ऐसा हजारों वर्ष प्राचीन ग्रन्थ है जो जीव मात्र को मुक्ति का मार्ग बतलाता है। उन्होंने कहा कि सम्यग्दर्शन, सम्यगान और सम्यक्चारित्र ये तीनों मिलकर मुक्ति के मार्ग हैं। तत्वभूत पदार्थों के विषय में श्रद्धा करना सो सम्यग्दर्शन है।
पदार्थों का यथार्थ ज्ञान होना सो सम्यगान है तथा आत्मा के स्वरूपकी प्राप्ति के लिए सम्यक् प्रवृति करना सो सम्यक् चारित्र है। मीडिया प्रभारी आदीश जैन ने बताया कि कल महा पर्व के तीसरे दिन सप्तमी तिथि को उत्तम आर्जव धर्म की पूजा आर्चना होगी।