फिरोजाबाद: शुद्ध आहार, शुद्ध विचार, शुद्ध व्यवहार ही व्यक्ति को उत्कर्ष की ओर ले जाते है-संत असंगदेव

फिरोजाबाद। जीवन, यौवन, राजपद ये सभी चलायमान है, हमारा जो समय सत्संग में व्यतीत होता है, वही जीवन असली फल है। फिर भी पता नहीं क्यों लोग इसी के मद में मदमस्त रहते है। यह विचार कबीर पारख सिद्धांत के प्रकांड विद्वान राष्ट्रीय संत असंगदेव ने मोहल्ला कबीर नगर स्थित सत्यनाम सदन में आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। 

उन्होंने कहा अरब खरब माया हो और उदय से लेकर अस्त तक राज्य हो, फिर वह भक्ति की शक्ति के आगे छोटा पड़ जाता है। तरुवर, सरोवर, सज्जन पुरुष और वर्षा का जल, चारों परमार्थ के लिए हैं। उन्होंने कहा कि सुखी रहना है तो परिश्रम करना चाहिए, जो मेहनत नहीं करते उन्हें नींद भी नहीं आती और मेहनत करने वाले अच्छी नींद सोते है। शुद्ध आहार, शुद्ध विचार, शुद्ध व्यवहार ही किसी व्यक्ति को उत्कर्ष की ओर ले जाते है।

कार्यक्रम आयोजक भगवानदास शंखवार प्रधानाचार्य ने गुरुदेव असंगदेव और सभी संतों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ पीएस राना, प्रमोद बघेल, महेश कठेरिया, रामलखन शंखवार, बालकिशन राजपूत, मुकेश यादव, धर्मेंद्र वर्मा, गुलशन यादव, मनोज यादव, छोटेलाल यादव, चंद्रकांता शंखवार, निहारिका वर्मा प्रधान, पंकज यादव, अनुपम शर्मा, जया शर्मा, मूवी शर्मा, दुर्गेश यादव, राजरानी, गरिमा शंखवार, मनोज शंखवार पार्षद, अनिल शंखवार पार्षद, संजीव शंखवार, धर्मवीर आदि मौजूद रहे।