फिरोजाबाद: वंदे मातरम् गीत नहीं, क्रांतिकारियों का स्वर था-एमएलसी

- जैन मंदिर चौराहे पर वंदे मातरम् गीत का हजारो  लोगों ने एक साथ किया गायन

फिरोजाबाद: वंदे मातरम् गीत नहीं, क्रांतिकारियों का स्वर था-एमएलसी

फिरोजाबाद। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर जैन मंदिर चौराहे पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओ ंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि क्रांतिकारियों का स्वर था, जिसने भारत के आत्मविश्वास को बढ़ाया। वंदे मातरम् गीत का हजारो लोगों ने एक साथ सामूहिक गायन किया। 

भारतीय जनता पार्टी महानगर द्वारा जैन मंदिर चौराहे पर वंदे मातरम् गीत की 150 वीं वर्षगांठ पर आयोजित संगोष्ठी में मंत्री विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे ने जनता जनार्दन को संबोधित करते हुए कहा कि वंदे मातरम् गीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर लिखा था। यह पहली बार उनके उपन्यास आनंदमठ में 1882 में प्रकाशित हुआ और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस गीत की स्थायी विरासत, एकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना का सम्मान करना है, जिसने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया जा सके। डॉ सोनम सेठ ने हजारों लोगों को एक साथ वंदे मातरम् गीत का सामूहिक गायन कराया। सदर विधायक मनीष असीजा, महापौर कामिनी राठौर ने कहा कि वंदे मातरम् गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रत्येक चरण में भारतवर्ष के जन-जन के हदृय में देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की थी। आज भी हर भारतीय के मन में मातृभूमि के प्रति प्रेम, श्रद्वा और समर्पण का भाव जाग्रत करता है।

कार्यक्रम में संयोजक रामनरेश कटारा, पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद पचौरी, शिवमोहन श्रुति, आनंद अग्रवाल, केशव फौजी, राधेश्याम यादव, अंकित तिवारी, आकाश गुप्ता, अमन मिश्रा, दीपक गुप्ता, शैलेंद्र कुमार गुप्ता, उदय प्रताप, श्याम सिंह यादव, अनुपम शर्मा, केके गांधी, रामलढेती लकी, आकृति सहयोगी, बबीता शर्मा, पूजा वार्ष्णेय, प्रेरणा कपूर आदि मौजूद रहे।