शिकोहाबाद। मिशन माउंटएवरेस्ट फालो साइकिलिंग कैंपेने चलाने वाली महाराष्ट्र की पर्वतारोही मंगलवार को नगर के बीडीएम गर्ल्स महाविद्यालय में पहु्ची। यहां उन्होंने छात्राओं को दहेज के विरोध में आवाज उठाने, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न ना सहने और तलाक के विरुद्ध एक जनजागरूकता अभीयान चला रही हैं।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे अपने परिजनों को समझाएं कि लड़का-लड़की में कोई भेद ना करें। जो काम लड़के करते हैं, आज लड़कियां भी उनसे पीछे नहीं हैं। महाराष्ट्र से साइकिल करते हुए समीरा खांन मंगलवार को शिकोहाबाद स्थित बीडीएम गर्ल्स महाविद्यालय में पहुंची। यहां पर उनका महाविद्यालय की शिक्षिकाओं ने स्वागत किया। इस अवसर पर मीडिया से रूबरू होते हुए समीरा खांन ने कहा कि वह पर्वतारोही हैं।
उन्होंने 3000 किलो मीटर की साइकिलिंग कर चुकी हैं। वह इस मिशन से देश की महिला, बेटियों और युवतियों को जागरूक करने के लिए निकली हैं। आज पुरुष और महिला में कोई भेद नहीं है। इसलिए सभी अपने परिजनों से कहें कि वह लड़का और लड़की में भेद ना करें। समीरा आंध्रप्रदेश के अनंतपुर से चली और कई प्रदेशों की यात्रा करते हुए मंगलवार को यहां पहुंची है। उन्होंने बताया कि वह कई देशों का भ्रमण कर चुकी हैं।
जिसमें एशिया, अफ्रीका, साउथ अफ्रीका, अरब और साउथ एशिया शामिल हैं। उन्होंने छात्राओं से भी कहा कि वे समाज में व्याप्त रूढ़िवादियों को दरकिनार करके आगे बढ़ें और खुलकर जियें। इस दौरान उप निरीक्षक मधुवाला भी उनके साथ सुरक्षा में रहीं।