सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर पति राजा को रास्ते से हटाने की पूरी साजिश रची। दोनों ने तय किया कि वे लूटपाट का बहाना बनाएंगे, राजा की हत्या कर के सोनम विधवा बन जाएगी और फिर राज से विवाह कर लेगी, जिससे पिता का भी विरोध समाप्त हो जाएगा। ग्यारह मई को सोनम और राजा की शादी हुई, लेकिन महज पाँच दिन बाद ही, सोलह मई की शाम सोनम ने राज के साथ मिलकर हत्या की अंतिम रूपरेखा बाँध दी। हनीमून के नाम पर उसने राजा को शिलांग घूमने के लिए तैयार किया, जबकि तीन सुपारी किलर पहले ही असम के गुवाहाटी में पहुँच चुके थे। वहीं से उन्होंने ऑनलाइन एक ‘डाव’—छोटी कुल्हाड़ी—मंगाई, जिससे राजा पर वार होना था।
राजा और सोनम जब शिलांग पहुँचे, सोनम लगातार व्हाट्सएप के जरिये किलरों को अपनी लोकेशन भेजती रही; हत्यारे एक किलोमीटर दूर ही होटल में ठहरकर मौके का इंतज़ार करते रहे। सौदा बीस लाख रुपये का तय हुआ था, मगर पहाड़ी इलाके में चढ़ाई करते हुए जब हत्यारों के कदम डगमगाने लगे, सोनम ने राजा के पर्स से पंद्रह हज़ार रुपये निकालकर उन्हें दे डाले और साफ कह दिया कि “काम तो करना ही पड़ेगा।”
तेइस मई को फोटोशूट का बहाना बनाकर सोनम ने राजा को कोरसा इलाके की सुनसान पहाड़ी पर ले जाकर खुद थकान का नाटक किया और पीछे रह गई, जबकि आगे बढ़ते ही तीनों अपराधियों ने ‘डाव’ से हमला कर राजा का कत्ल कर दिया। वारदात के बाद सोनम ने अपने मोबाइल को तोड़ा और हर किलर अलग ट्रेन पकड़कर वापस लौट गया; सोनम अकेली शिलांग से वाराणसी होकर गाज़ीपुर जा पहुँची और नेपाल भागने की फिराक में थी।
मेघालय पुलिस को शनिवार को एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी जिसमें सोनम कुछ दूर खड़ी होकर मोबाइल पर चैट करते हुए दिखाई दी। कॉल रिकॉर्ड खंगालते ही किलरों के नंबर और उनकी लोकेशन इंदौर में मिली, जिससे पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई। प्रेमी समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर सुनकर सोनम घबरा गई और अंततः गाज़ीपुर में आत्मसमर्पण करने पर मजबूर हो गई। इस तरह लालच, प्रेम और धोखे से बुना गया पूरा खेल पुलिस की तेज़ पड़ताल में उजागर हो गया