शादी और हनीमून यात्रा की शुरुआत
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई 2025 को बड़ी धूमधाम के साथ हुई। इस विवाह समारोह में दोनों के परिवार और करीबी मित्रों ने जमकर खुशियाँ मनाईं। शादी के नौ दिन बाद, यानी 20 मई को यह नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के लिए रवाना हुआ। इस यात्रा का उद्देश्य था पहाड़ों, झरनों और हरी-भरी घाटियों के बीच कुछ खुशनुमा पल बिताना। शुरुआत में दोनों नियमित रूप से अपने परिवार वालों के संपर्क में रहे और अपनी तस्वीरें भी साझा करते रहे।
अचानक लापता होने की घटना
23 मई की सुबह अचानक ही राजा और सोनम से परिवार का संपर्क टूट गया। दोनों के मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ़ मिले। परिवार वालों ने तुरंत चिंता जताते हुए स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी। यह ख़बर तेजी से सोशल मीडिया पर फैल गई। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर #ShillongCoupleMissing और #IndoreCoupleNews जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। हर तरफ़ से इस मामले को लेकर चिंता व्यक्त की जाने लगी।
परिवार वालों ने तुरंत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और मेघालय पुलिस से संपर्क किया। शुरुआत में आशंका जताई गई कि कहीं पहाड़ों के कठिन रास्तों में यह कोई दुर्घटना तो नहीं या फिर दोनों किसी आपराधिक घटना का शिकार तो नहीं हो गए।
बड़ा तलाशी अभियान
मेघालय पुलिस और NDRF ने तुरंत बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया। शिलॉन्ग और आसपास के इलाकों में बैरियर लगाकर गहन खोजबीन की गई। पुलिस ने ड्रोन की मदद से जंगलों, पहाड़ों, घाटियों और झरनों के आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया। स्थानीय गाइड और ग्रामीण लोगों की भी मदद ली गई। इस दौरान आसपास के गाँव, सड़क किनारे के ढाबे, पगडंडियाँ और गहरी घाटियों तक को बारीकी से खंगाला गया। लेकिन कई दिनों तक तलाशी अभियान के बावजूद भी दोनों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
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राजा रघुवंशी के शव की बरामदगी
करीब दस दिनों बाद, 2 जून 2025 की सुबह, चेरापूंजी के पास स्थित एक गहरी खाई से राजा रघुवंशी का शव बरामद किया गया। शव की हालत देखकर ही पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि मामला केवल दुर्घटना का नहीं, बल्कि हत्या का था। शव के पास राजा के कुछ निजी सामान बिखरे मिले, जिससे पुलिस का शक और पुख्ता हो गया। यह घटना तेजी से देशभर में चर्चा का विषय बन गई, और मीडिया के तमाम बड़े समूहों ने इस मामले की गंभीरता से कवरेज शुरू कर दी।
जांच में आया नया मोड़
इस मामले में एक नाटकीय मोड़ तब आया जब राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी खुद पुलिस के सामने पेश हुईं। इंदौर में एक स्थानीय ढाबे पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। पुलिस ने सोनम पर आरोप लगाया कि उसने अपने कुछ साथियों—राज कुशवाहा, आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुम्भी के साथ मिलकर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
पुलिस की इस कार्रवाई ने कई सवालों को जन्म दिया। अब यह चर्चा तेज हो गई कि क्या यह हनीमून यात्रा पहले से तय की गई हत्या की योजना का हिस्सा थी या कोई अचानक बनी परिस्थिति का नतीजा था। हालांकि सोनम ने इस आरोप से इनकार किया और परिवार के दबाव का हवाला दिया, लेकिन पुलिस ने उसके बयान पर भरोसा नहीं किया और उसे मुख्य आरोपी बनाकर कार्रवाई आगे बढ़ाई।
पुलिस की विशेष जांच टीम का गठन
मेघालय पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। SIT ने मोबाइल डेटा, बैंक लेनदेन, CCTV फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और लोकेशन ट्रैकिंग जैसे सभी तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए गहन जांच की। इस जांच में पुलिस ने दावा किया कि सोनम और उसके साथियों ने राजा की हत्या पहले से योजना बनाकर की थी। पुलिस ने इस केस में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की और सोनम के कथित सहयोगियों को गिरफ्तार किया।
मामला कोर्ट तक पहुंचा
पुलिस की जांच के बाद मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। मामले की गंभीरता और व्यापक मीडिया कवरेज के चलते अदालत ने भी सुनवाई को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए हैं। राजा के परिवार ने सोनम और अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं सोनम के परिवार और समर्थकों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और सवाल
इस घटना ने न केवल इंदौर, बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया है। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक, इस केस को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। हर कोई यह जानना चाहता है कि राजा की हत्या के पीछे असली वजह क्या थी और क्या वाकई सोनम इस हत्या की दोषी है। समाज में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो मामले में सोनम की भूमिका पर शक जाहिर करता है और स्वतंत्र जांच की मांग करता है।